Wednesday, June 22, 2011

तेरी यादों के शहर मे ...


आकर रुक गए कदम तेरी यादों के शहर मे,
बड़े बेबस खड़े है हम तेरी यादों के शहर में .

हर सड़क घूम कर तेरेओर ले आई मुझे
थे रास्ते  खतम तेरी यादों के शहर में


बड़ी बेखौफी से लुटा मिरा कारवाँ मधुकर
तमाशबीन बने हम तेरी यादों के शहर में

तू बेरुखो  बेमेहर  बनके  रहे बेवफा
कोईऔर था सनम तेरी यादों के शहर में

यह आलमो आवारगी न होती शायद 

गर होता तू हम कदम तेरी यादों के शहर में

बड़ी सोच में पड़ गयी है ज़िंदगी भी आज
कैसे ज़िंदा रहेंगे हम तेरी यादों के शहर में

ना जाती उम्र मेरी इस कदर ज़ाया
तू जो रख लेता यह भरम तेरी यादों के शहर में ...

नरेश 'मधुकर '
copyright 2011

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