हर पीर नहीं मिलवाता खुदा से
खुद से मिलने पे ही खुदा मिलता है
दुनिया एक दोराहा है यहाँ पर ,
खुद के ढूंढें ही पता मिलता है
चलते है साथ साथ सभी लेकिन ,
हर शक्स को मुकाम जुदा मिलता है
ये तो अपना अपना नसीब है 'मधुकर'
किसी को मंजिल तो किसी को धुंआ मिलता है
नरेश 'मधुकर'
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