कहती है मुझको ये दुनिया दीवाना
और मैं कहता हूँ ये दुनिया दीवानी
कौन किसका हो सका उम्रभर यहाँ पे ,
प्यार, वफ़ा, दोस्ती, सब बाते बेमानी
प्यार, वफ़ा, दोस्ती, सब बाते बेमानी
साथ चलना ,प्यार करना और बिछड़ना
हर मोहब्बत की बस वही कहानी
बंजर ज़मीं अब तक न भूल पायी है
गुज़रे मौसम कि वो बेसुध जवानी ...
बंजर ज़मीं अब तक न भूल पायी है
गुज़रे मौसम कि वो बेसुध जवानी ...
नरेश 'मधुकर'
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