जब तू रूठा जब तू रूठा
तब जग छूटा रे जग छूटा
अंतर्मन को लगी घुटन
लगे सब झूठा रे सब झूठा
टिकी थी तेरी नज़र जिधर
तारा टूटा रे तारा टूटा
दोस्त क्या और दुश्मन क्या
सबने लूटा रे सबने लूटा
जब जीते गए जग से मधुकर
तब घर छूटा रे घर छूटा ...
(यह पंक्तियाँ भक्त और भगवान के बीच की बात है )
© 2012 नरेश राघानी 'मधुकर
तब जग छूटा रे जग छूटा
अंतर्मन को लगी घुटन
लगे सब झूठा रे सब झूठा
टिकी थी तेरी नज़र जिधर
तारा टूटा रे तारा टूटा
दोस्त क्या और दुश्मन क्या
सबने लूटा रे सबने लूटा
जब जीते गए जग से मधुकर
तब घर छूटा रे घर छूटा ...
(यह पंक्तियाँ भक्त और भगवान के बीच की बात है )
© 2012 नरेश राघानी 'मधुकर