कौन ?
उलफत में खुद को हमसा मिटाता है कौन
बेगाने शहर में अब राह दिखाता है कौन ?
इस ज़माने कि नज़र कमज़र्फ है बड़ी लेकिन
देखे हमे खुद कि नज़र में गिराता है कौन ?
इन उजालों ने कई दोस्त बना दिए है मेरे
देखे अंधेरों में साथ निभाता है कौन ?
निभाया है सबको बड़ी शिद्दत से मधुकर
देखे ज़रा हमसे नज़र चुराता है कौन ?
बढ़ चुके है कदम अब जो मदमस्त होकर
देखें अब ज़रा इन्हें रोक पाता है कौन ... ?
नरेश मधुकर
—copyright 2012उलफत में खुद को हमसा मिटाता है कौन
बेगाने शहर में अब राह दिखाता है कौन ?
इस ज़माने कि नज़र कमज़र्फ है बड़ी लेकिन
देखे हमे खुद कि नज़र में गिराता है कौन ?
इन उजालों ने कई दोस्त बना दिए है मेरे
देखे अंधेरों में साथ निभाता है कौन ?
निभाया है सबको बड़ी शिद्दत से मधुकर
देखे ज़रा हमसे नज़र चुराता है कौन ?
बढ़ चुके है कदम अब जो मदमस्त होकर
देखें अब ज़रा इन्हें रोक पाता है कौन ... ?
नरेश मधुकर
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