Monday, September 2, 2013

बीती उमरिया ...

बिरह है कैसी , बीती उमरिया 
यादों की बारिश में ,भीगी चुनरिया 

किसी का मुझको , होने न दिया 
मुफलिसी तेरा , बड़ा शुक्रिया

मेरे बाद मुझको , ढूँढेगी दुनिया 
ऐसी कर यारा , तू भी इक दुआ 

जो मैंने न कहा , वो तुमने सुना 
इसीलिए तुझको , मैंने हमदम चुना

पथरीली रातों में ,सपना बुना
बड़ा दिल से मैंने, काम लिया ...

जय श्री कृष्ण

नरेश मधुकर

2013

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