सभी दिल के रिश्ते ,रह रह के खोए
दर्द ऐ दिल बताना, मुनासिब न समझा
अन्दर ही अन्दर , घुट घुट के रोए
अपनों ने मिलकर ,चमन मेरा लूटा
दर्द ऐ दिल बताना, मुनासिब न समझा
अन्दर ही अन्दर , घुट घुट के रोए
अपनों ने मिलकर ,चमन मेरा लूटा
फिर भी हमने कांटे, कहीं भी न बोए
फूलों से दामन, हुआ जब ये खाली
अश्को के मोती हमने, ख़ुशी से पिरोए
बस इक ख्वाइश,अन्दर है बाकि
बंद आँखें हो और तू पास मेरे होये ...
नरेश 'मधुकर'
फूलों से दामन, हुआ जब ये खाली
अश्को के मोती हमने, ख़ुशी से पिरोए
बस इक ख्वाइश,अन्दर है बाकि
बंद आँखें हो और तू पास मेरे होये ...
नरेश 'मधुकर'
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